Biography of Vinayak Damodar Savarkar

विनायक दामोदर सावरकर का जीवन परिचय <<<

विनायक दामोदर सावरकर महाराष्ट्र के निवासी थे ! वे विद्यार्थी जीवन से ही देश की स्वतंत्रता के लिए काम करने लगे थे ! उन्होंने “नौजवान भारत सभा” की स्थापना की थी ! उन्होंने नौजवान भारत सभा की स्थापना की थी ! बैरिस्ट्री की शिक्षा प्राप्त करने के लिए इंग्लैंड की राजधानी लंदन चले गए ! लंदन में “इंडिया हाउस” में रहते थे! “इंडिया हाउस” की स्थापना सुप्रसिद्ध क्रांतिकारी श्यामजी कृष्ण वर्मा ने की थी !सावरकर ने वहां रहकर बहुत से कार्य किए ! सन 1857 का प्रथम स्वाधीनता संग्राम नामक विश्व प्रसिद्ध पुस्तक उन्होंने वहीं लिखी ! अनेक भारतीय युवकों को क्रांतिकारी बनाया !
जहाजों में भर कर पुस्तकों में रख कर शस्त्र भारत भेजें !उनकी गतिविधियों पर ब्रिटिश खुफिया पुलिस की निगाह रहती थी उनकी गतिविधियों के कारण सरकार ने सन 1910 में उनको गिरफ्तार कर लिया और समुद्री जहाज से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में भारत की ओर भेज दिया उनका कोई साथ ही साथ नहीं था वहां ! वे बहुत साहसी तो थे! वे जहाज के शौचालय से समुद्र में कूद गए और तैर कर समुद्र के किनारे फ्रांस की धरती पर पहुंच गए ! परंतु अंग्रेज सैनिकों ने उन्हें पुनः पकड़ लिया भारत ने उन पर राजद्रोह का मुकदमा चला उनको दो जन्म के कारावास की सजा देकर अंडमान जेल में भेज दिया गया । जेल में उनकों बहुत यातनाएं दीं गई । दिन भर रस्सी बाटना , कोल्हू पेरना जैसे कार्य उनसे कराये जाते थे परन्तु वे हिम्मत ना हारे । बाद में अनेक नेताओं के प्रयत्न से 1937 में उनको जेल से मुक्त किया गया ।

विनायक दामोदर सावरकर , वीर या वीर के नाम से , (जन्म 28 मई, 1883, भागूर, भारत—(जन्म 28 मई, 1883, बॉम्बे [अब मुंबई]), हिंदू और भारतीय राष्ट्रवादी और देश में अग्रणी व्यक्तिहिंदू महासभा (“हिंदुओं का महान समाज”), एक हिंदू राष्ट्रवादी संगठन और राजनीतिक दल ।

लंदन (1906-10) में कानून के एक छात्र के रूप में , सावरकर ने भारतीय क्रांतिकारियों के एक समूह को तोड़फोड़ और हत्या के तरीकों में निर्देश देने में मदद की, जो उनके सहयोगियों ने पेरिस में प्रवासी रूसी क्रांतिकारियों से स्पष्ट रूप से सीखा था। इस अवधि के दौरान उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम, 1857 (1909) लिखा, जिसमें उन्होंने यह विचार किया कि1857 का भारतीय विद्रोह ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ भारतीय जन विद्रोह की पहली अभिव्यक्ति थी ।

मार्च 1910 में सावरकर को तोड़फोड़ और युद्ध के लिए उकसाने के विभिन्न आरोपों में गिरफ्तार किया गया था और उन्हें मुकदमे के लिए भारत भेजा गया और दोषी ठहराया गया। एक दूसरे मुकदमे में उन्हें भारत में एक ब्रिटिश जिला मजिस्ट्रेट की हत्या में उनकी कथित संलिप्तता का दोषी ठहराया गया था, और सजा सुनाए जाने के बाद, उन्हें “जीवन भर के लिए” हिरासत में लेने के लिए अंडमान द्वीप ले जाया गया था । उन्हें 1921 में भारत वापस लाया गया और 1924 में नजरबंदी से रिहा कर दिया गया। जेल में रहते हुए उन्होंने हिंदीत्व लिखा: हिंदू कौन है? (1923), शब्द गढ़नाहिंदुत्व (“हिंदुत्व”), जिसने भारतीय संस्कृति को हिंदू मूल्यों की अभिव्यक्ति के रूप में परिभाषित करने की मांग की ; यह अवधारणा हिंदू राष्ट्रवादी विचारधारा का एक प्रमुख सिद्धांत बन गई ।

सावरकर 1937 तक रत्नागिरी में रहे, जब वे हिंदू महासभा में शामिल हो गए, जिसने भारतीय मुसलमानों पर धार्मिक और सांस्कृतिक वर्चस्व के हिंदुओं के दावों का जुझारू रूप से बचाव किया। उन्होंने सात साल तक महासभा के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। 1943 में वे बंबई सेवानिवृत्त हो गए। जब मोहनदास के. गांधी की 1948 में महासभा के एक पूर्व सदस्य द्वारा हत्या कर दी गई थी, सावरकर को फंसाया गया था, लेकिन अपर्याप्त सबूतों के कारण उन्हें बाद के मुकदमे में बरी कर दिया गया था।

वीर सावरकर का योगदान <<<

वीर सावरकर का भारतीय स्वतंत्रता में योगदान वीर सावरकर न सिर्फ़ एक क्रांतिकारी थे बल्कि एक भाषाविद, कवि, राजनेता, समाज सुधारक, दार्शनिक, इतिहासकार और ओजस्वी वक्ता भी थे। हिन्दू राष्ट्र की राजनीतिक विचारधारा (हिन्दुत्व) को विकसित करने का बहुत बडा श्रेय सावरकर को जाता है।

वीर सावरकर कितने साल जेल में रहे <<<

सावरकर 4 जुलाई, 1911 से 21 मई, 1921 तक पोर्ट
ब्लेयर की जेल में रहे।

वीर सावरकर कब रिहा हुए <<<

सावरकर ने न सिर्फ काला पानी से रिहा होने के लिए बल्कि 1924 में रत्नागिरी जेल से रिहा होने के लिए भी इस तरह के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए थे।

नासिक षड्यंत्र <<<

21 दिसम्बर, 1909 को अभिनव भारत सोसाइटी के एक सदस्य अनंत लक्ष्मण करकरे ने ए. एम.टी. जैक्सन नामक ब्रिटिश न्यायाधीश की हत्या कर दी। इस हत्या को नासिक षड़यंत्र के नाम से जाना जाता है, इस केस के सम्बन्ध में अभिनव भारत के 27 सदस्यों को सजा दी गयी थी।

वीर सावरकर के गुरु <<<

वीर सावरकर अपने उच्च विद्यालय के दिनों के दौरान, शिवजी उत्सव और गणेश उत्सव का आयोजन करते थे, जोकि बालगंगधर तिलक द्वारा शुरू किया गया था, जिन्हें सावरकर अपने गुरु मानते थे, और इन अवसरों पर वे राष्ट्रवादी विषयों पर नाटकों का भी आयोजन रखते थे | इसके बाद उनके पिता की मृत्यु भी 1899 में प्लेग दौरान में हो गई थी |

नारा <<<

उन्होंने ‘हिंदुइज़ ऑल पॉलिटिक्स एंड मिलिटराइज़ हिंदोद्म’ का लोकप्रिय आर्दश-वाक्य दिया था ।

हिंदू महासभाके नेता <<<

सन् 1937 में सावरकर को हिंदू महासभा का अध्यक्ष बनाया गया था।
सांप्रदायिक माहौल के बीच सावरकर के हिंदू एकता के बारे में संदेश का प्रसार त्वरित था।

सावरकर के अनुसार हिंदुत्व <<<

सावरकर जो कि एक नास्तिक थे, हिन्दुत्व को एक सजातीय, सांस्कृतिक तथा राजनैतिक पहचान मानते थे। सावरकर के अनुसार हिन्दू भारतवर्ष के देशभक्त वासी हैं जो कि भारत को अपनी पितृभूमि एवं पुण्यभूमि मानते हैं। आसिन्धुसिन्धुपर्यन्ता यस्य भारतभूमिकाः।

सावरकर के सामाजिक विचार <<<

जेल के जीवन के बाद वीर सावरकर द्वारा सामाजिक समरसता व समानता के लिए जो कार्य किए गए, वे भारत को महान बनाने की ओर अग्रसित करने वाले हैं। वीर सावरकर ने जाति प्रथा एवं अस्पृश्यता, छुआछूत के विरुद्ध एक अभियान चलाया। उनका मत था कि प्रत्येक सच्चे भारतीय को सात बेडिय़ों से मुक्त होना होगा।

<<< सावरकर के राजनीतिक विचार <<<

उनके राजनीतिक दर्शन में उपयोगितावाद, तर्कवाद, प्रत्यक्षवाद (positivism), मानवतावाद, सार्वभौमिकता, व्यावहारिकता और यथार्थवाद के तत्व थे। सावरकर एक कट्टर तर्कबुद्धिवादी व्यक्ति थे जो सभी धर्मों के रूढ़िवादी विश्वासों का विरोध करते थे।

हिंदू और हिंदुत्व में अंतर <<<

हिंदू अस्तित्व की पहचान है कि आप अपनी आस्था से, जन्म से, मन से हिंदू हैं. लेकिन अपनी पहचान के प्रति सजग होना और उसके प्रति चेतना का विकास होना हिंदुत्व है. अर्थात पहचान से हिंदू होने का तात्पर्य है कि क्षमाभाव, प्रेमभाव और आचरण की शुद्धता होना, अहिंसा के रास्ते पर चलना और विविधता को महत्व देना. हिंदू शब्द भाववाचक है.

किस अंग्रेजअधिकारी केअधिकारी की हत्या के आरोप में वीर सावरकर को काला पानी की सजा हुई थी <<<

नासिक जिले के कलेक्टर जैकसन की हत्या के लिए नासिक षडयंत्र काण्ड के अंतर्गत इन्हें 8 अप्रैल,1911 को काला पानी की सजा सुनाई गई और सैल्यूलर जेल पोर्ट ब्लेयर भेज दिया गया!

फ़िल्म<<<

1996 में प्रियदर्शन द्वारा निर्देशित एक मलयालम फिल्म काला पानी में वीर सावरकर के रूप में अन्नू कपूर ने अभिनय किया।
वीर सावरकर की सुधीर फडके और वेद राही द्वारा वीर सावरकर की एक बायोपिक बनवायी गई जिसमें सैलेन्द्र गौर ने सावरकर की भूमिका निभाई थी।

विनायक दामोदर सावरकर को खास बनाती हैं उनके जीवन की ये 10 बातें <<<
  • वीर सावरकर ने राष्ट्रध्वज तिरंगे के बीच में धर्म चक्र लगाने का सुझाव सर्वप्रथम दिया था जिसे राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने माना।
  • उन्होंने ही सबसे पहले पूर्ण स्वतंत्रता को भारत के स्वतंत्रता आंदोलन का लक्ष्य घोषित किया। वे ऐसे प्रथम राजनीतिक बंदी थे जिन्हें विदेशी (फ्रांस) भूमि पर बंदी बनाने के कारण हेग के अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में मामला पहुंचा।
  • वे पहले क्रांतिकारी थे जिन्होंने राष्ट्र के सर्वांगीण विकास का चिंतन किया तथा बंदी जीवन समाप्त होते ही जिन्होंने अस्पृश्यता आदि कुरीतियों के विरुद्ध आंदोलन शुरू किया।
  • दुनिया के वे ऐसे पहले कवि थे जिन्होंने अंडमान के एकांत कारावास में जेल की दीवारों पर कील और कोयले से कविताएं लिखीं और फिर उन्हें याद किया।

जेल यात्रा सावरकर को अंग्रेजों ने 50 साल की सजा सुनाई थी। उन्हें सेलुलर जेल अंडमान निकोबार द्वीप समूह में स्थानांतरित कर दिया गया था
हिंदू
महासभा

के नेता

सन् 1937 में सावरकर को हिंदू महासभा का अध्यक्ष बनाया गया था।
सांप्रदायिक माहौल के बीच सावरकर के हिंदू एकता के बारे में संदेश का प्रसार त्वरित था।

नारा उन्होंने ‘हिंदुइज़ ऑल पॉलिटिक्स एंड मिलिटराइज़ हिंदोद्म’ का लोकप्रिय आर्दश-वाक्य दिया था
गांधी की
हत्या में

गिरफ्तार <<<

वीर सावरकर को 5 फरवरी सन् 1948 मे महात्मा गांधी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
और निर्दोष उन्हें मुंबई आर्थर रोड जेल में हिरासत में लिया गया था। हालांकि एक गहन परीक्षण के बाद उन्हें बरी कर दिया गया।
बाद का जीवन गांधी की हत्या के बाद लोगों ने गुस्से में आ कर सावरकर के मुंबई वाले घर को निशाना बनाया।
कांग्रेस सरकार ने आतंकवादी हिंदू राष्ट्रवादी भाषण देने के लिए सावरकर को गिरफ्तार किया

हालांकि उन्हें इस शर्त पर कारावास से बाहर जाने की अनुमति दी गई थी कि वह राजनीति छोड़ देंगे।

फ़िल्म 1996 में प्रियदर्शन द्वारा निर्देशित एक मलयालम फिल्म काला पानी में वीर सावरकर के रूप में अन्नू कपूर ने अभिनय किया।
वीर सावरकर की सुधीर फडके और वेद राही द्वारा वीर सावरकर की एक बायोपिक बनवायी गई जिसमें सैलेन्द्र गौर ने सावरकर की भूमिका निभाई थी।

बाद का जीवन <<<

गांधी की हत्या के बाद लोगों ने गुस्से में आ कर सावरकर के मुंबई वाले घर को निशाना बनाया।
कांग्रेस सरकार ने आतंकवादी हिंदू राष्ट्रवादी भाषण देने के लिए सावरकर को गिरफ्तार किया

हालांकि उन्हें इस शर्त पर कारावास से बाहर जाने की अनुमति दी गई थी कि वह राजनीति छोड़ देंगे।

संक्षिप्त विवरण<<<

पूरा नाम- विनायक दामोदर सावरकर
उपनाम- वीर सावरकर
जन्म – 28 मई सन् 1883, गाँव- भागपुर, नासिक (महाराष्ट्र)
मृत्यु- 26 फरवरी 1966 (मुंबई)
मौत का कारण- सल्लेखना प्रायोपवास (उपवास द्वारा)
राष्ट्रीयता- भारतीय
पिता -दामोदर सावरकर
माता -यशोदा सावरकर
पत्नी -यमुनाबाई
भाई गणेश और नारायण
बहन -मीनाबाई
जाना जाता है – भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान कर्ता
राजनीतिक दल हिंदू महासभा
धार्मिक दृष्टि कोण – नास्तिक
शिक्षा- उन्होंने फेर्गुसन कॉलेज, पुणे, महाराष्ट्र से साहित्य में स्कानोत्तर किया।
द हॉनरेवल सोसाइटी ऑफ ग्रे इन लंदन से बैरिस्टर बने।

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